- Visit Daily BLOGS For MORE POSTINGSपरम पूज्य सुधांशुजी महाराज
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
आप जिन्दगी में अगर किसी को महत्व दें तो मन की शान्ति को महत्व दीजिए
और वो प्रभु किरपा से मिलती है, सदगुरु की शरण से मिलती है।"
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
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8 आदतों से सुधारें अपना घर :
१) ::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की
आदत है तो यह निश्चित है कि
आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल
से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा
ही नहीं .
wash basin में ही यह काम कर आया करें !
२) ::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या
बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की
आदत होती है उनको सफलता कभी
भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे
लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.!
अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो
चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते
हैं !
३) ::
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से
आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम
करने वाला, उसे स्वच्छ पानी जरुर
पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहू का सम्मान करते
हैं.! जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को
स्वच्छ पानी हमेशा पिलाते हैं उनके घर में
कभी भी राहू का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.!
४) ::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के
सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार
और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी
दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और
चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों से
डटकर लड़ पाते हैं.!
जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी
देते हैं, उन लोगों को depression,
anxiety जैसी परेशानियाँ जल्दी से नहीं
पकड़ पातीं.!
५) ::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल,
जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें
उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते
करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा
बनी रहेगी ..
६) ::
उन लोगों का राहू और शनि खराब होगा,
जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे
तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा,
सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं,
तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित
हीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी
परेशान रहते हैं और दूसरों को भी
परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना
बिस्तर समेट दें.!
७)::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर
वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से
बहुत सारे लोग भूल जाते हैं !
नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह
से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो
पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका
चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति
बढेगी और क्रोध धीरे-धीरे कम होने
लगेगा.!
८) ::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे
उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और
उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या
निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरित घर लौटते समय कुछ न
कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में
बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता
है.!
हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना
वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले
सदस्यों की भी तरक्की होती है.!
एक आदमी मर गया. जब उसे महसूस हुआ तो उसने देखा कि भगवान उसके पास आ रहे हैं और उनके हाथ में एक सूट केस है.
भगवान ने कहा --पुत्र चलो अब समय हो गया.
आश्चर्यचकित होकर आदमी ने जबाव दिया -- अभी इतनी जल्दी? अभी तो मुझे बहुत काम करने हैं. मैं क्षमा चाहता हूँ किन्तु अभी चलने का समय नहीं है. आपके इस सूट केस में क्या है?
भगवान ने कहा -- तुम्हारा सामान.
मेरा सामान? आपका मतलब है कि मेरी वस्तुएं, मेरे कपडे, मेरा धन?
भगवान ने प्रत्युत्तर में कहा -- ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं. ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं.
आदमी ने पूछा -- मेरी यादें?
भगवान ने जबाव दिया -- वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं. वे तो समय की थीं.
फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?
भगवान ने फिर कहा -- वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं. वे तो परिस्थिति जन्य थीं.
तो ये मेरा परिवार और मित्र हैं?
भगवान ने जबाव दिया -- क्षमा करो वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे. वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे.
फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा?
भगवान ने मुस्कुरा कर कहा -- वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है.
तो क्या यह मेरी आत्मा है?
नहीं वह तो मेरी है --- भगवान ने कहा.
भयभीत होकर आदमी ने भगवान के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिए कि सूट केस में क्या है. वह सूट केस खाली था.
आदमी की आँखों में आंसू आ गए और उसने कहा -- मेरे पास कभी भी कुछ नहीं था.
भगवान ने जबाव दिया -- यही सत्य है. प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया, वही तुम्हारा था. जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं.
इस कारण जो भी समय आपके पास है, उसे भरपूर जियें. आज में जियें. अपनी जिंदगी जिए.
खुश होना कभी न भूलें, यही एक बात महत्त्व रखती है.
भौतिक वस्तुएं और जिस भी चीज के लिए आप यहाँ लड़ते हैं, मेहनत करते हैं...आप यहाँ से कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं.
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