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Wednesday, April 26, 2017
amrit vachan
वाणी को गंदा मत होने दो ,इस में भगवान का नाम बसता है ,तो वाणी को पवित्र रखो !
Muskilon mein bhag jana asaan hota hai, Har pehlu zindagi ka imtihaan hota hai.., Darne walon ko kuch milta nahi zindagi mein., Aur ladne walon k kadmon mein jahan hota hai
Udas matt ho mai tere saath hu'n!
Samne nahi par aas paas hu'n!
Palko'n ko band karke dil se yaad karna,
main aur koi nahi, Tera viswaas hu'n.!!
"GITA is a life-giving substance with which the dormant soul comes to life again. Together with this it being the song of war, it is also the music of life." -
Sudhanshuji Maharaj
Saturday, April 22, 2017
Fwd: भीगे बादाम से भी ज्यादा फायदेमंद है भीगे चने, जानिए कैसे? | सेहत के लिए अमृत है घड़े का पानी
---------- Forwarded message ----------
From: Onlymyhealth.com <onlymyhealth@onlymyhealth.com>
Date: 2017-04-20 8:32 GMT+05:30
Subject: भीगे बादाम से भी ज्यादा फायदेमंद है भीगे चने, जानिए कैसे? | सेहत के लिए अमृत है घड़े का पानी
To: mggarga@gmail.com
From: Onlymyhealth.com <onlymyhealth@onlymyhealth.com>
Date: 2017-04-20 8:32 GMT+05:30
Subject: भीगे बादाम से भी ज्यादा फायदेमंद है भीगे चने, जानिए कैसे? | सेहत के लिए अमृत है घड़े का पानी
To: mggarga@gmail.com
Fwd: योग मुद्रा: खराब हो गला, तो बस 10 मिनट करें ये
---------- Forwarded message ----------
From: SpeakingTree <response@speakingtree.in>
Date: 2017-04-21 17:06 GMT+05:30
Subject: योग मुद्रा: खराब हो गला, तो बस 10 मिनट करें ये
To: mggarga@gmail.com
From: SpeakingTree <response@speakingtree.in>
Date: 2017-04-21 17:06 GMT+05:30
Subject: योग मुद्रा: खराब हो गला, तो बस 10 मिनट करें ये
To: mggarga@gmail.com
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Saturday, April 15, 2017
Fwd: [Ichchaa Purti Mandir] जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही मिलता है.....
जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही मिलता है तो जीवन में कर्म क़ा क्या महत्त्व है ?
पूज्य गुरूदेव : माना कि भाग्य बहुत प्रबल है ,लेकिन यह जो कर्म के चुनाव और कर्म करने की स्वतंत्रता भगवान ने दी है ,यह इतनी शक्तिशाली है कि अगर हम इसकी शक्ति के बल पर चलें तो दुर्भाग्य चाहे कितना भी प्रबल हो , हम उसे पराजित कर सकते हैं ! यह बात निशचित है ! अपना प्रयास जारी रखो ! नितन्तर चोट करते रहो ,बात जरूर बनेगी ! निराश हो कर बीच में छोड़कर बैठना नहीं , बात जरूर बनेगी ! थक कर बैठ गए तो बात बिगड़ जाएगी ! लगातार चलते रहे तो कभी न कभी परमात्मा अवश्य सुनेगा !"राम राम रटते रहो जब तक घट में प्राण " दीनदयाल बहरे नहीं हैं ! अपने को उनकी कृपा का पात्र बनाओ ! अपनी पात्रता सिद्ध करो ! आपकी पात्रता सिद्ध होते ही दीनदयाल को भनक मिलनी शुरू हो जाएगी ! फिर आपके द्वारा किये गए कर्म का प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा !
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
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Friday, April 14, 2017
Sunday, April 9, 2017
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