"यदि हम चाहते है कि हमारा मान रहे तो हमें दूसरों का भी सम्मान जरुर करना चाहिए ।
जैसे हमें अपना अपमान बुरा लगता है, ऐसे ही दूसरों को अपना अपमान बुरा लगता है।
जो हम अपने लिए चाहते है, वही व्यवहार हम दूसरों के साथ करना शुरु कर दें , इसी का नाम धर्म है।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
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