चैते गुड बैसाखे तेल 
  
  
  
जेठे    आशादे बैल 
सावन दूध न भादों    ..
क्वार करेला कार्तिक दही 
        अघन जीरो .पूसे चना 
 माघे भिन्डी  फाल्गुन अनार 
जो यह बारह दी बचाए
  तापर बिपता कभी न आय 
...............
तुलसी तुलसी सब करे, तुलसी बन की घास।
हो गई कृपा सतगुरु की, बन गए तुलसीदास॥
No comments:
Post a Comment