अपनी समृद्धि के विस्तार में कभी किसी प्रकार का प्रमाद न करें। ज्ञान का विस्तार करने में, विद्या अध्ययन करने में कभी आलस्य नहीं करना, जो आपने अपने जीवन में सीखा, पुस्तकों से सीखा, गुरुओं से सीखा, उसको निरन्तर दोहराओ जिससे ज्ञान आपके काम आ सके। पढ़ना, समझना और फिर जीवन में उतारना यही ज्ञान का उपयोग है।
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