- शान्ति के समान कोई तप नहीं हे ! 
 - संतोष से बढ्कर कोई सुख नहीं हे ! 
 - तृष्णा से बढकर कोई व्याधि नहीं हे !
 - दया के समान कोई धर्म नहीं हे ! 
 - सत्य जीवन हे और असत्य मृत्यु हे ! 
 - घृणा करनी हे तो अपने दोषों से करो !
 - लोभ करना हे तो प्रभू के स्मरण का करो ! 
 - बैर करना हे तो अपने दुराचारों से करो !
 - दूर रहना हे तो बुरे संग से रहो ! 
 - मोह करना हो तो परमात्मा से करो !
 
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