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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
जिनका आज जनम दिन या विवहा की सालगिरह है
उनको और सब को आशीर्वाद देते हुए
इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते हो, स्वर्ग को धरती पर उतारना चाहते हो या विशेष सुखों को, आनन्द को भोगना चाहते हो तो मिलकर चलना सीखो, मतलब एक हो जाओ। कदम से कदम मिलाओ। एकता में बहुत बड़ी शक्ति होती है। अलग –अलग बिखरे हुए तिनके खुद में कूड़ा-करकट के सिवाय कुछ नहीं होते। लेकिन उन्हीं तिनकों को इकठ्ठा करके बाँध लेने पर कूड़े-करकट को साफ़ करने का एक सफ़ल साधन तैयार हो जाता है।"
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