From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2015-09-30 9:40 GMT+05:30
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To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
"श्री तुलसी पीएं, निरोग जीएं"
  (पांच तरह के तुलसी का अर्क)
  ONE DROP FOR DISEASE FREE LIFE
  तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार के पायी जाती
  है ! श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत/विश्नू तुलसी,
  वन तुलसी, और नींबू तुलसी ।
  इन पांच प्रकार की तुलसी विधि द्वारा अर्क
  निकाल कर श्री तुलसी का निर्माण किया
  गया है ।
  यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट ,
  एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल , एंटी- फ्लू,
  एंटी- बायोटिक , एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी -
  डिजीज है ।
  1) श्री तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी
  में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच
  मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे
  पेयजल विष् और रोगाणुओं से मुक्त होकर
  स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है ।
  2) श्रीतुलसी अर्क २०० से अधिक रोगो में
  लाभदायक है I जैसे के फ्लू , स्वाइन फ्लू, डेंगू ,
  जुखाम , खासी , प्लेग, मलेरिया , जोड़ो का
  दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर , शुगर, एलर्जी , पेट के
  कीड़ो , हेपेटाइटिस , जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग,
  गठिया , दम, मरोड़, बवासीर , अतिसार, आँख
  का दर्द , दाद खाज खुजली, सर दर्द, पायरिया
  नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर , वीर्य की कमी,
  हार्ट ब्लोकेज आदि ।
  3) श्री तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक तथा
  शरीर हटा के विष (toxins ) को बाहर निकलती
  है ।
  4) श्रीतुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है ।
  5) श्रीतुलसी शरीर के लाल रक्त सेल्स
  (Haemoglobin) को बढ़ने में अत्यंत सहायक है ।
  6) श्रीतुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से
  पेट सम्बन्धी बीमारिया बहोत काम लगाती
  है।
  7) श्रीतुलसी के 4 - 5 बूँदे पीने से महिलाओ को
  गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के
  शिकायत ठीक हो जाती है ।
  8) आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से
  श्री तुलसी को लगाने से विशेष रहत मिलती है।
  9) दमा व खाँसी में श्रीतुलसी के दो बुँदे थोड़े से
  अदरक के रास तथा शहद के साथ मिलकर सुबह -
  दोपहर - शाम सेवन करे।
  10) यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती
  हो तो श्रीतुलसी के एक बूँद मुँह में डाल ले दुर्गन्ध
  तुरंत दूर हो जाएगी।
  11) दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना , मसूड़ों
  में खून आना श्री तुलसी के 4 - 5 बूँदे पानी में
  डालकर कुल्ला करना चाहिए।
  12) कान का दर्द, कण का बहना, श्रीतुलसी
  हल्का गरम करके एक -एक बूंद कान में टपकाए।
  13) नाक में पिनूस रोग हट जाता है, इसके
  अतिरिक्त फोड़े - फुंसिया भी निकल आती है,
  दोनों रोगो में बहुत तकलीफ होती है I
  श्रीतुलसी को हल्का सा गरम करके एक - एक बूंद
  नाक में टपकाएं।
  13) गले में दर्द, गले व मुँह में छाले , आवाज़ बैठ
  जाना : श्री तुलसी के 4 - 5 बूँदे गरम पानी में
  डालकर कुल्ला करना चाहिए।
  14) सर दर्द, बाल क्हाड्णा, बाल सफ़ेद होना व
  सिकरी श्रीतुलसी की 8 - 10 मि.ली। हर्बल
  हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा
  कनपटियो पर लगाये।
  15) श्री तुलसी के 8 - 10 बूँदे मिलकर शरीर में
  मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे।
  16) कूलर के पानी में श्री तुलसी के 8 - 10 बूँदे
  डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त
  हो जाता है, तथा मक्खी - मच्छर भी घर से भाग
  जाते है।
  17) जूएं व लिखे श्रीतुलसी और नीबू का रस
  समान मात्रा में मिलाकर सर के बालो में अच्छे
  तरह से लगाये I 3 - 4 घंटे तक लगा रहने दे। और फिर
  धोये अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सर धोए।।
  जुएं व लिखे मर जाएगी।
  18) त्वचा की समस्या में निम्बू रास के साथ
  श्रीतुलसी के 4 - 5 बूँदे डालकर प्रयोग करे।
  19) श्रीतुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की
  शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है I
  यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को
  चमकीला बनती है।
  20) श्रीतुलसी की दो बूँदे एलो जैल क्रीम में
  मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय
  लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है
  तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, छाइयां ,
  कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है।
  21) सफ़ेद दाग : 10 मि.लि. तेल व नारियल के तेल
  में 20 बूँदें श्रीतुलसी डालकर सुबह व रात सोने से
  पहले अच्छी तरह से मले।
  22) श्री तुलसी के नियमित उपयोग से
  कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है, रक्त के
  थक्के जमने कम हो जाते है, व हार्ट अटैक और
  कोलैस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है।
  23) श्री तुलसी को किसी भी अच्छी क्रीम में
  मिलाकर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले
  लाइने ( स्ट्रेच मार्क्स ) दूर हो जाते है।
  निरोगी जीने के लिए एक बूँद हर रोज़ एक
  गिलास गुनगुने पानी में डाल कर पिए।
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