१ * प्रीति वही सराहिए ,मिले रंग होत दून !
जो हर्दी जर्दी तजे ,तजे सफेदी चून !!
२ * कोन हो तुम बसंत के दूत ,
विरस पतझड में अति सुकुमार !
घन तिमिर में चपला सी रेख ,
तपन में शीतल मंद बयार !
३ *कोई पत्ता भी टूटे तो दर्द मुझको हे नसीब !
सारे जहां का दर्द हमारे दिल में हे !!
४ *बदऊ संत चित हित अनहित न कोउ!
अंजुलिगत सुमन जेहिं सुगन्ध कर दोउ!!
५ *फागुन आता हे फूलों का त्योहार लिए ,
सावन आता हे मेघों का मल्हार लिए ,
दूहन ऐसा है संतों का जगहित जीवन ,
जब भी आता है खुशियों का उपहार लिए !!
६ *श्वास श्वास पर हरि भजो वृथा श्वास मत खोय !
न जाने या श्वास कोआवन होय न होय !!
७ *चलती चाकी देख कर दिया कबीरा रोए!
दो पाटन के बीच में बाकी बचा न कोए!!
८ *सबरी देख राम घर आए !
सुनि के बचन समुझि जिय भाए !!
९ *अजमाउंगा जमाने को अपने ही विकष में !
अगर खरा निकला तो मागूंगा खुदा बरकरार हे !
ए जमाने हम तुझ से नहीं ,हमसे तेरी पहचान हे 1
तुझे क्या पता?खुदा के भी हम महमान हें !
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